Vaanar/वानर
- Authors
- Anand Neelakantan/आनन्द नीलकण्ठन
- Publisher
- Penguin Random House India Private Limited
- Date
- 2020-04-02
- Size
- 1.55 MB
- Lang
- hi
वन नर जनजाति के बाली और सुग्रीव अनाथ भाई थे जो घोर गरीबी में पैदा हुए और अपने अधिकांश आदिवासी साथियों की तरह दासों के जैसे पले-बढ़े थे। उनका अक्सर बंदर रूपी नर, वानर, कहकर उपहास किया जाता था। उत्तर में देवों और दक्षिण में असुर जनजातियों के बीच कभी न खत्म होने वाले संघर्ष के बीच फंसे, वन नर ऐसा लग रहा था कि सभी आशा खो चुके हैं। लेकिन बाली ने ठान लिया था कि वह किसी दास के जैसे नहीं मरने वाला। अपने प्यारे भाई सुग्रीव की सहायता से बाली अपने लोगों के लिए एक साम्राज्य का निर्माण करता है। राजधानी किष्किंधा विश्व भर के मुक्त दासों के लिए आशा की एक किरण बन जाती है। यह लोगों के लिए, लोगों का बनाया लोगों का नगर है, जहां जाति, धर्म, भाषा या त्वचा के रंग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता। फिर भाग्य ने आदिवासी चिकित्सक की एक सुंदर पुत्री तारा के वेश में हस्तक्षेप किया। जिससे बाली ने प्रेम किया तो सुग्रीव जिसके लिए लालायित हुआ,और ऐसे वह तारा बन जाती है उस भ्रात्रीय संघर्ष का कारण जिससे सदा के लिए इतिहास बदल जाएगा। निश्चित ही यह बाली, तारा और सुग्रीव के बीच बना विश्न का पहला प्रेम त्रिकोण होगा।...